कोटा जिले के सिमलिया के गढ़ेपान गांव में स्थित चंबल फर्टिलाइजर्स केमिकल लिमिटेड (CFCL) की फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव होने के कारण सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल की 15 छात्राओं सहित 18 लोगों की तबीयत बिगड़ गई। गैस के प्रभाव से लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और उल्टियां होने लगीं। छह छात्राओं की हालत गंभीर होने पर उन्हें कोटा के जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक, 15 फरवरी की सुबह स्कूल में प्रार्थना हो रही थी, उसी दौरान फैक्ट्री से गैस रिलीज की गई। जिसके बाद 15 छात्राओं सहित 18 लोग गैस की चपेट में आए, जिसमें से छह छात्राओं की हालत नाजुक बनी हुई है। घटना के बाद ग्रामीणों ने कंपनी को कॉल कर तुरंत गैस रिसाव रोकने की मांग की। स्कूल स्टाफ और ग्रामीणों ने बच्चों को प्राइवेट गाड़ियों से 700 मीटर दूर CFCL कैंपस में स्थित अस्पताल पहुंचाया। दोपहर में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम गांव में पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। स्थानीय किसानों का कहना है कि, CFCL फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं और गैस के कारण किसानों की फसलें खराब होती रही हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
बता दें कि, गढ़ेपान गांव में स्थित CFCL की यूरिया फैक्ट्री लंबे समय से विवादों में रही है। स्थानीय किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री से निकलने वाली गैस और धुएं से उनकी फसलें झुलस जाती हैं। इसके अलावा, फैक्ट्री का स्कूल की बाउंड्री से सटा होना भी एक गंभीर चिंता का विषय है। ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन जबरन अपनी गड़बड़ियों को नजरअंदाज करता है और प्रशासन भी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता।
इस घटना के बाद अब सरकार और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि स्कूल के इतने करीब इस तरह की रासायनिक फैक्ट्री को अनुमति कैसे दी गई। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस घटना के बाद क्या ठोस कदम उठाती है।
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