इस बार हनुमान बेनीवाल की पार्टी RLP पर मंडरा रहे संकट के बादल ?

बागी बने बाप और कांग्रेस के दुश्मन !
हनुमान बेनीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर !
राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ अन्य दलों के लिए भी चुनौतियां हैं....बताया जा रहा है कि भाजपा को भीतरघात तो कांग्रेस और BAP को बागियों से खतरा सता रहा है....
वहीं BAP और RLP एक-एक सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी हुई है....राजनीतिक दलों के तमाम दावों के बीच 13 नवम्बर को इन सभी प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद हो जाएगा....ऐसे में अब देखने वाली बात ये होगी कि इन सात सीटों पर किसके सिर होगा ताज ? ये तो आने वाली तारीख 23 नवंबर को ही इसका फैसला हो पाएगा.....बता दें कि प्रदेश में विधानसभा की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है....उप चुनाव में सात में से दो सीटें चौरासी और सलूम्बर ऐसी है, जहां बीजेपी और बाप में सीधा मुकाबला दिखाई दे रहा है.....वहीं खींवसर सीट पर बीजेपी का मुकाबला आरएलपी से नजर आ रहा है.....हालांकि ये सीट त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी हुई है....अन्य सीटों पर कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला नजर आ रहा है....लेकिन दो सीटों पर निर्दलीय भी दोनों ही पार्टियों को कड़ी चुनौती दे रहे हैं.... हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस और बाप को बागियों से तो बीजेपी को भीतरघात से खतरे का डर सता रहा है.....बताया जा रहा है कि प्रदेश में सात सीटों पर हो रहे चुनाव में सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा....लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की प्रतिष्ठा इन चुनावों से जुड़ी हुई है....वहीं कांग्रेस में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट, अशोक गहलोत के लिए भी ये कड़ी परीक्षा का समय है....चुनाव टिकट घोषित होने के साथ ही भाजपा में बगावती तेवर दिखाई दिए....लेकिन सत्ता और संगठन ने मिल कर डैमेज कंट्रोल कर लिया....सीएम भजनलाल और बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ ने रामगढ़ से जय आहूजा और सलूम्बर से नरेंद्र मीणा, झुंझुनू से बबलू चौधरी, देवली - उनियारा से विजय बैंसला को मनाते हुए उन्हें बागी नहीं होने दिया.....वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और भारत आदिवसी पार्टी अपनों को मनाने में कामयाब नहीं हो पाई.....वहीं देवली - उनियारा सीट पर कांग्रेस के बागी नरेश मीणा भी मैदान में डटे हुए हैं...तो चौरासी सीट पर बाप यानी बीएपी के बागी बादमी लाल समीकरण बिगाड़ते हुए नजर आ रहे हैं.... कांग्रेस में तो नाराजगी साफ़ दिख रही है, लेकिन बीजेपी में इस बार छिपी हुई नाराजगी और लोकल समीकरणों से छिपे हुए भितरघात का डर है.....हालांकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और महामंत्री श्रवण सिंह बागड़ी ने किसी तरह की भीतरघात से इंकार कर रहे हैं....
अब बात कर लेते हैं खींवसर विधानसभा सीट की तो पिछले तीन चुनाव से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के कब्जे वाली खींवसर सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बना हुआ है....इस सीट पर 2 लाख 83 हजार से अधिक मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे....इस सीट पर आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल, कांग्रेस से रतन चौधरी और बीजेपी से पिछले उम्मीदवार रेवंत राम डांगा के बीच मुकाबला है....बता दें कि 2023 के चुनाव में मुकाबला हनुमान बेनीवाल और डांगा के बीच में रहा था....इस दौरान डांगा की महज 2100 के करीब वोट के अंतर से हार हुई थी....ऐसे में इस बार भी मुकाबला आरएलपी और बीजेपी के बीच दिखाई दे रहा है....हालांकि इस सीट पर हनुमान बेनीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.......अब देखने वाली बात ये होगी कि हनुमान बेनीवाल खींवसर सीट से अपनी सांख बचा पाते हैं या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा......या फिर इस सीट से भाजपा अपना परचम लहराएगी या कांग्रेस प्रत्याशी की जीत होगी ये तो 23 नवंबर को ही खुलासा हो पाएगा ।

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