ये कैसा परिवार जहां पिता और भाई ने की मर्यादाएं तार तार ! Crime News

ये कलयुग का असर है, जहां सारी हदे टूट गई और मर्यादाए तार-तार हो गई. एक बेटी जिसे कैंसर है और वो अपना इलाज करवाने के बाद कैंसर से तो जंग जीत गई लेकिन अपनों से हार गई. जिसके लिए पिता भगवान समान और भाई लक्ष्मण जैसा था लेकिन आज उन्होंने ही उसे दर-दर की ठोकरे खाने के लिए छोड़ दिया. यह कहानी है हांगकांग की उस NRI बेटी की जिसका नाम है संगीता शर्मा, जिनका पीहर जयपुर में है और अपने इलाज के लिए जयपुर आई थी. जहां इलाज तो हो गया लेकिन उसका आरोप है कि इस बहाने उसके पिता और भाई-भाभी ने मिलकर उसकी करोड़ों की ज्वेलरी और जमीनी दस्तावेज हड़प लिए. जिसको लेकर रामनगरीया पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है. संगीता शर्मा का आरोप है कि उसने अपनों पर विश्वास कर 1 करोड़ के सोने के जेवर व दो प्लॉट के दस्तावेज अपने पिता और भाई के पास रख दिए. इसके बाद मुंबई में कैंसर का उपचार करवाकर 4 अक्टूबर को वह लौटी तो उन्होंने जेवर व प्लॉट के दस्तावेज लौटाने से मना कर दिया और मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया. जबकि उनके पति विनय शर्मा हांगकांग में रहकर इलाज का खर्चा भेजकर दोनों बेटियों को विदेश में ही संभाल रहे थे. इस दौरान जयपुर में वो उनके पिता के साथ एक दिन एसबीआई जगतपुरा शाखा में अपना लॉकर ऑपरेट करने पहुंची.  इस दौरान पिता ने कहा कि ऑपरेशन के बाद जेवर की जरूरत पड़ेगी तो रजनी विहार से जगतपुरा आने में परेशानी होगी. इसके बाद घर के नजदीक प्राइवेट बैंक में दूसरा लॉकर खुलवाने के नाम पर एसबीआई लॉकर से जेवर व प्लॉट के दस्तावेज निकाल लिए. पिता ने एक सप्ताह में लॉकर खुलने की कहकर जेवर का बैग अलमारी में रख दिया. इसी बीच इलाज में काफी धनराशि खर्च होने पर परिचितों से उधार लिए रुपए को चुकाने के लिए जेवर बेचने पर उनकी व पति की सहमति हुई. इसके बाद उसने अपने पिता और भाई-भाभी से जेवर मांगे लेकिन उन्होंने देने से इनकार करते हुए मारपीट कर घर से बेदखल कर दिया. जिसके बाद उनके पति हांगकांग से जयपुर पहुंचे और थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है. उनका कहना है कि कैंसर से घातक ज़ख्म खुद के अपने रिश्तों ने दिया है, जिसके चलते आज उनकी दो बेटियां विदेश में अकेले उनका इंतजार कर रही है.

Post a Comment

0 Comments

ARwebTrack