कांग्रेस ने पहली बार राजस्थान के 6 सांसद 13 विधायक सहित 25 दिग्गज नेता उतारे

नेताओं की फौज ने हरियाणा में किया कैंप

प्रचारकों ने की 45 से अधिक सभाएं, रैलियां राजस्थान से सटी 22 सीटें हैं, कांग्रेस 8 सीट जीत पाई

हरियाणा के इतिहास में पहली बार किसी पडौसी राज्य से स्टार नेताओं की बड़ी फौज एआईसीसी ने उतारी थी। एआईसीसी को भरोसा था राजस्थान पर। राजस्थान की टीम को लगभग हरियाणा के नेताओं जितनी ही जिम्मेदारी दे रखी थी। चुनाव का स्टेट सीनियर आब्जर्वर व स्टार प्रचारक पूर्व सीएम अशोक को बनाया गया। अन्य स्टार प्रचारकों में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट व पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा को बनाया गया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जमकर सभाएं की। पुरे चुनाव के दौरान राजस्थान के छोटे मोटे 50 नेता हरियाणा में जमे रहे। इनमें 25 तो ऐसे थे, जो पूर्व मंत्री, वर्तमान सांसद या विधायक हैं। कांग्रेस को इस बार भरोसा था कि हरियाणा प्रचंड बहुमत से पार्टी जीतेगी। लेकिन इतनी फौज उतारने जैसा परिणाम देखने को नहीं मिला। इस कारण कुछ नेता आरोप लगाते भी दिखे। गहलोत कहते रहे कि परिणाम कांग्रेस के पक्ष में बदलेंगे। जूली ने कहा- हरियाणा के परिणाम हमारी आशा के विपरीत आए हैं। लेकिन मुझे गर्व है कि कांग्रेस ने हरियाणा में मजबूत लड़ाई लड़ी और जनता के मुद्दों को उठाया। कांग्रेस नेता सांसद ब्रजेंद्र ओला, भंवर जितेंद्रसिंह, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, अर्चना शर्मा, कुलदीप इंदौरा, राहुल कस्वां, नीरज डांगी, धीरज गुर्जर, संगीता गर्ग, अमित चाचाण, श्रवण कुमार, पितराम काला, मुकेश भाकर, मनीष यादव, महेश शर्मा, ललित यादव, शिखा मील बराला, विकास चौधरी, सुशील मोदी, यशवीर सूरा, अनिल चौपड़ा, राजेंद्र मूंड, सुधींद्र मूंड, सीताराम लांबा जैसे नेताओं की फौज का कैंप हरियाणा में था। इतनी बड़ी संख्या में नेताओं का कैंप हरियाणा के चुनाव में एक साथ पहली बार रहा। राजस्थान के तीनों स्टार प्रचारकों, नेता प्रतिपक्ष, भंवर जितेंद्रसिंह सहित सांसदों, विधायकों ने सीमावर्ती 15 विधानसभा क्षेत्रों सहित अन्य इलाकों में 45 से अधिक सभाएं रैलियां की। राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी तक की सभाओं में राजस्थान के नेता छाए रहे। लेकिन वोट उतने नहीं लुभा पाए  राजस्थान से सटी हरियाणा की प्रमुख 15 सहित कुल 22 सीटें हैं। इनमें से कांग्रेस पुनवाना, नुह, फिरोजपुर झिरका, लोहारु, नांगल चौधरी, सिरसा, आदमपुर, फतेहाबाद, झज्जर जैसी 8 सीटें ही जीत पाई है। बाकी राजस्थान बार्डर की अधिकांश सीटें बीजेपी ने जीती। यही बीजेपी के लिए सत्ता का द्वार साबित हुआ। बीजेपी ने महेंद्रगढ़, नारनोल, बाढ़रा, भिवानी, अटेली, बावल, कोसली, रेवाड़ी, सोहना, फरिदाबाद, नलवा जैसी बार्डर सीटें जीती। एक सीट तीसरी पार्टी ने जीती।

Post a Comment

0 Comments

ARwebTrack