राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना पिछले कुछ महीनों से अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। मंगलवार को दौसा पहुंचे किरोड़ी लाल ने एक बार फिर नया बयान देकर सबको चौंका दिया है। डॉ. मीना ने एक और नया मोर्चा खोलते हुए अपनी ही सरकार से वीआईपी कल्चर खत्म करने की मांग रख दी है। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्रियों के लिए पुलिस की एस्कॉर्ट जरूरी नहीं है।
दरअसल, कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना दौसा के महुवा में भरतपुर रोड स्थित एक निजी प्रतिष्ठान के उद्घाटन समारोह में बतौर अतिथि शामिल होने आए थे। इस दौरान उन्होंने मंत्रियों के वीआईपी कल्चर को खत्म करने का बयान देते हुए कहा कि मंत्रियों की एस्कॉर्ट व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। किरोड़ी ने वहां मौजूद थानाधिकारी जितेंद्र सिंह सोलंकी से भी पूछा कि आप मुझे एस्कॉर्ट क्यों कर रहे हैं। आपको मेरे यहां आने की सूचना किसने दी। इस पर महुवा थानाधिकारी जितेंद्र सिंह सोलंकी ने भी कहा कि यह हमारा सूचना तंत्र है। जिससे हमें आपके आने की सूचना मिली। आपको सुरक्षा मुहैया कराना हमारा कर्तव्य है। इस दौरान मंत्री किरोड़ी लाल ने कहा कि अगर किसी नेता को कोई धमकी मिलती है या डर का माहौल है तो पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया कराना जायज है। अन्यथा किसी भी राजनेता के लिए एस्कॉर्ट जैसी कोई व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। किरोड़ी लाल मीना ने कहा कि मंत्रियों की एस्कॉर्ट करने में पुलिस अपना कीमती समय बर्बाद करती है। पुलिस को एस्कॉर्ट करने में जो समय खर्च होता है उसका उपयोग आमजन की सुरक्षा में करना चाहिए और जनसुनवाई करवानी चाहिए, जिससे आमजन को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पहले वसुंधरा राजे सरकार के समय भी लिया गया था। जो शायद अभी भी लागू है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को इस तरह से एस्कॉर्ट देने का शायद कोई सर्कुलर नहीं है

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