प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्तासीन हुए सोमवार को 23 साल पूरे हो रहे हैं। पहले 13 साल वे गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और उसके बाद 10 वर्ष से अधिक समय से लगातार प्रधानमंत्री का ओहदा संभाल रहे हैं। मोदी ने 23 वर्ष पहले 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के 14 वें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सत्ता संभाली थी। मोदी गुजरात के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। बाद में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने पर 26 मई 2014 को उन्होंने देश के 14वें प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री के पद पर हैं। नेहरू 6130 दिन तथा इंदिरा गांधी 5829 दिन प्रधानमंत्री रहीं। मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल के साथ 3786 दिन से प्रधानमंत्री हैं। ‘विकास सप्ताह’ के नाम से जाना जाने वाला यह कार्यक्रम 7 से 15 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा। इसमें 2001 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद से हासिल की गई प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जाएगा। ‘विकास सप्ताह’ के दौरान, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, साबरमती रिवरफ्रंट, सूरत डायमंड बोर्स और द्वारका सुदर्शन ब्रिज सहित राज्य भर के 23 प्रतिष्ठित स्थानों पर गुजरात के विकास में प्रधानमंत्री मोदी के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए ‘विकास पदयात्रा’ (विकास मार्च) का आयोजन किया जाएगा। 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से नरेंद्र मोदी ने विकास नीतियों की एक श्रृंखला शुरू की। जिसने राज्य को नया रूप दिया है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल उद्योग, बेहतर कृषि व्यवस्था और जनता से जुड़े तमाम मुद्दों के लिए जाना गया। उनकी सरकार ने जल संरक्षण से लेकर स्वच्छता के मोर्चे पर मिसाल कायम की। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में जल संरक्षण को प्राथमिकता दी गई थी। साथ ही स्वच्छता को पीएम मोदी ने जनता का अभियान बना दिया। निर्मल गुजरात पहल के साथ, जिसका लक्ष्य समुदाय द्वारा संचालित प्रयासों के माध्यम से खुले में शौच को समाप्त करना था। इसी सोच ने साल 2014 में राष्ट्रव्यापी स्वच्छ भारत मिशन की नींव रखी। मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने लोहा अभियान का भी नेतृत्व किया, जिसके तहत सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण के लिए लोहा इकट्ठा किया गया। इस अभियान में 300,000 से अधिक गांवों से हिस्सा लिया। मोदी के पर्यावरण प्रयासों में वन महोत्सव वृक्षारोपण उत्सव और एक पेड़ मां के नाम शामिल हैं, जिसने देश भर में 800 मिलियन पेड़ लगाने को प्रेरित किया।
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