
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की हार पर राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी के सुप्रीम और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने बड़ा बयान हैं। हनुमान बेनीवाल ने तीन कारण गिनाते हुए इस राज्य में कांग्रेस की हार की असली वजह बताई हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को चौंका दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि इन नतीजों ने उन तमाम दावों को ख़ारिज कर दिया जो मतदान के बाद राजनीतिक पंडितों द्वारा किए जा रहे थे। हरियाणा में बीजेपी ने फिर से सत्ता में वापसी कर ली है और कांग्रेस को यहां शिकस्त मिली हैं। इन नतीजों के बाद पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स अपनी -अपनी राय रख रह हैं, ऐसे कौनसे कारण रहे जिन्होंने बीजेपी को जीत दिलाई और कांग्रेस की हार की वजह बने। वहीं अब इन सबके बीच राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने भी कांग्रेस की हार के कुछ कारण गिनाए हैं। बेनीवाल का कहना है कि हरियाणा में कांग्रेस को हार 3 कारणों से मिली है। पहला कारण, कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री के दावेदारों और विशेषकर एक परिवार का अति उत्साह होना है। दूसरा कारण, उनका घमंड है। तीसरा और सबसे बड़ा कारण, इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ना है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार देर रात एक्स पर अपनी एक पोस्ट के जरिए ये बयान दिया है। कांग्रेस के 4 दिग्गज नेताओं को टैग करते हुए बेनीवाल ने आगे लिखा कि 'लोकसभा चुनाव में जब इंडिया गठबंधन से जुड़े सभी राजनैतिक दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा तो एनडीए ने हांफते-हांफते अपनी सरकार केंद्र में बनाई। मगर, हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन के दलों के साथ कांग्रेस ने रुचि नहीं दिखाई और आज यह परिणाम देखने को मिला। जबकि हरियाणा का किसान, जवान और दलित, भाजपा की नीतियों और शासन के खिलाफ था। लेकिन कांग्रेस पार्टी की एक राय और एक साथ होकर चुनाव नहीं लड़ने की वजह से फिर हरियाणा के किसानों, दलितों और युवाओं को निराशा हाथ लगी। हालांकि लोकतंत्र में जनता का निर्णय सर्वोपरि है। मगर फिर भी कांग्रेस पार्टी के आलाकमान को अब गंभीरता से सोचने की जरूरत है।' बता दें कि कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख उदयभान, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला उन प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जो हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपनी सीट पर हार गए। इनके अलावा नायब सिंह सैनी सरकार के 10 में से आठ मंत्री भी चुनाव हार गए। इनमें असीम गोयल, सुभाष सुधा और कंवर पाल शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर सत्ता विरोधी लहर को दरकिनार करते हुए लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार बनाने के लिए तैयार है
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