हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024, सभी एग्जिट पोल दावा कर रहे थे कि इस बार राज्य में कांग्रेस की वापसी लगभग तय है। लेकिन हुआ कुछ और ही। इस नतीजे ने बड़े-बड़े राजनीतिक विश्लेषकों को गलत साबित कर दिया है। बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर जीत की हैट्रिक लगाई है। वहीं, कांग्रेस को 37 सीटों से संतोष करना पड़ा। अब 10 साल बाद भी हरियाणा में कांग्रेस का सत्ता में वापस न आना उसे आने वाले चुनावों में मुश्किल में डाल सकता है। इस साल के अंत तक राजस्थान समेत देशभर के कई राज्यों में उपचुनाव हो सकते हैं। राजस्थान के लिहाज से माना जा रहा है कि हरियाणा के ये नतीजे राजस्थान के उपचुनावों में बड़ा असर डाल सकते हैं। साथ ही नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी इस बार उपचुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें से 2 सीटें- खींवसर और झुंझुनू- ऐसी सीटें हैं जहां जाट वोटर जीत-हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। आप देखिए कि हरियाणा में जाट बहुल सीटों पर बीजेपी ने पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन किया है। भाजपा ने जाट बहुल करीब 50 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की है। राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया था, जहां जाट मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। लेकिन हरियाणा के नतीजों के बाद लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त पर विराम लग सकता है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ गठबंधन किया था। यही वजह रही कि नागौर लोकसभा सीट पर जाट मतदाता भारत गठबंधन के पक्ष में गए और हनुमान बेनीवाल चुनाव जीत गए। अभी तक की खबरों के मुताबिक बेनीवाल ने अकेले चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है, उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार भी किया था। इसके अलावा आप देख सकते हैं कि झुंझुनू विधानसभा सीट पर भी 'जाट फैक्टर' का बड़ा असर है। झुंझुनू विधानसभा भी ऐसी सीट है, जहां 'जाट फैक्टर' काम करता है। अगर भाजपा हरियाणा चुनाव की रफ्तार बरकरार रखने में कामयाब हो जाती है तो वह यहां कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर सकती है। हालांकि विधानसभा और बाद में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन अब माना जा रहा है कि हरियाणा के नतीजों के बाद तस्वीर बदल सकती है। दूसरी बात आप देखिए कि राजस्थान में उपचुनाव अब राजस्थान बीजेपी संगठन के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गए हैं। हरियाणा के नतीजों के बाद वहां संगठन की खूब तारीफ हो रही है। अब राजस्थान में संगठन के सामने हर हाल में उपचुनाव जीतने की चुनौती है, क्योंकि यहां बीजेपी की सरकार है। ऐसे में आलाकमान को उम्मीद है कि अगर बीजेपी की सरकार बनी तो पार्टी को 7 सीटें मिलेंगी
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