आपस में भिड़े संत और राजपूत समाज के दिग्गज नेता चुपचाप तमाशा देखते रहे राठौड़!



भगवा चोला पहने एक संत और सफ़ेद कुर्ते पायजामे में एक जनप्रतिनिधि, धार्मिक कार्यक्रम में लोगों से खचा-खच्च भरे पांडाल में मंच पर विराजमान ये हस्तियां एक दूसरे से झगड़ पड़ते है। और यकीन मानिए ये दोनों हस्तियां कोई छोटी-मोटी नहीं, बल्कि नामचीन है। सफ़ेद कुर्ते पायजामे में विराजित ये शख्स राजपूत समाज के दिग्गज नेता भंवर सिंह पलाड़ा है और भगवा कपड़ों में संत समता राम महाराज है। वायरल वीडियो 13 अक्टूबर का है, जब पुष्कर तीर्थ के जयमल कोर्ट में जयमल राठौड़ की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह का उद्देश्य जयमल जी के बारे में समाज को बातना था, मगर समारोह के बीच में ही संत समता राम महाराज और राजपूत समाज के ये दिग्गज नेता भंवर सिंह पलाड़ा के बीच तकरार हो गई। हालात यहां तक बिगड़े कि संत समता राम समारोह छोड़कर चले गए। इसके साथ ही राजपूत छात्रावास अजमेर के अध्यक्ष रिटायर्ड ASP विक्रम सिंह राठौड़ और शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह ने घोषणा कर दी कि भविष्य में समाज के कार्यक्रमों के संत सतमा राम को नहीं बुलाया जाएगा। वहीं पलाड़ा ने कह दिया कि जिस समारोह में संत समता राम आएंगे, उस समारोह में वह भाग नहीं लेंगे। आगे बात करेंगे, मगर उससे पहले आप भी जरा एक नजर इस वीडियो पर डाल लीजिए। 


दरअसल हुआ यूं कि 13 अक्टूबर को भाजपा नेता भंवर सिंह पलाड़ा और कांग्रेस नेता धर्मेन्द्र राठौड़ ने इस कार्यक्रम में पुष्कर में हुए कार्यों की जानकारी दी थी। जानकारी के मुताबिक इस पर संत समताराम महाराज ने एतराज किया। समताराम महाराज का कहना था कि यह समाज का समारोह है, इसलिए राजनीति की बात नहीं करनी चाहिए। समताराम जी के इस बयान पर धर्मेन्द्र राठौड़ ने तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन भंवर सिंह पलाड़ा ने इस पर ऐतराज जता दिया। पलाड़ा ने संत के इस बयान पर कहा कि हम समाज के लिए जो कार्य करते हैं, उन्हें बताने में किसी को भी कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए। और इसी पर पलाड़ा और संत समताराम के बीच मंच पर ही विवाद हो गया। जानकर बताते है कि संत समताराम का झुकाव भाजपा की ओर है और विवाद भी भाजपा नेता से हो रहा था, इसलिए कांग्रेस नेता धर्मेन्द्र राठौड़ चुपचाप तमाशा देखते रहे। राठौड़ की चुप्पी को लेकर भी राजपूत समाज की राजनीति में चर्चा है। चलिए चलते चलते आभंवर सिंह पलाड़ा और संत समता महाराज के बारे में भी थोड़ा जान लीजिये। बता दें कि पलाड़ा राजपूत समाज के दिग्गज नेता माने जाते है। एक बार भाजपा के टिकट पर अजमेर जिले की पुष्कर विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुके है, हालांकि वे चुनाव जीत नहीं पाए थे। साथ ही दो बार अपनी पत्नी सुशील कंवर को भी भाजपा के टिकट पर मसूदा विधानसभा से चुनाव लड़ा चुके है। जिसमें एक बार उन्हें जीत मिली, मगर दूसरी बार वो चुनाव हार गई थी। वर्तमान में सुशील कंवर अजमेर की जिला परिषद की जिला प्रमुख है। वहीं यदि बात संत समता राम महाराज की कि जाए तो ये भी राजपूत समाज का बड़ा चेहरा है। समाजसेवक है, संत है, मगर साथ राजनीति में भी!!!

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