Suryakanta Vyas Died: भाजपा की वरिष्ठ नेता सूर्यकांता व्यास का निधन |

6 बार MLA सूर्यकांता व्यास का निधन नहीं रही जीजी 
लंबी बीमारी के बाद पंचतत्व में हुई विलीन हुई जीजी 
महिलाओं के लिए संघर्ष करने वाली जीजी नहीं रही !

जोधपुर में जीजी के नाम से मशहूर पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास का बुधवार सुबह निधन हो गया। 87 साल की BJP की सीनियर नेता व्यास लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उनके बेटे शिवकुमार व्यास ने बताया- आज सुबह 7 बजे तबीयत बिगड़ने पर उन्हें महात्मा गांधी (MGH) हॉस्पिटल ले जाया गया था। इलाज के दौरान करीब सवा सात बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। सूर्यकांता व्यास (जीजी) ने वर्ष 1990 में जोधपुर (पुराना शहर) निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था। पार्षद से राजनीतिक शुरुआत करने वाली जीजी ने 1990, 1993 और 2003 के विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। 2008 में सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ा और विजयी हुईं। 2023 नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव का टिकट जीजी को भाजपा ने नहीं दिया था। उनकी जगह देवेंद्र जोशी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था। पिछले साल सितंबर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर शहर के चांदपोल क्षेत्र में पुष्करणा समाज की कुलदेवी उष्ट्र वाहिनी देवी मंदिर का जीर्णोद्धार करने के लिए 4.75 करोड रुपए की स्वीकृति दी थी। इस पर जीजी ने उनकी तुलना राजा-महाराजों से की थी। कहा था- मुख्यमंत्री (तब) अशोक गहलोत ने पुष्करणा समाज के लिए ऐसा काम किया है, जो पहले के जमाने में राजा-महाराजा किया करते थे। 4 करोड़ 75 लाख रुपए का बजट दिया है। कुलदेवी की यह मूर्ति काफी ऐतिहासिक है। जिसको देखने के लिए टूरिस्ट आते हैं। कई बार टूरिस्ट कहते भी हैं कि जगह छोटी है, परेशानी होती है। आज वह सपना सीएम गहलोत ने साकार किया है। 1970 के दशक में महिलाओं के घर से निकलने पर पाबंदियां थीं। ऐसे समय में जीजी ने संघर्ष किया। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा को लेकर बात की। 1965 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर, गुरुजी जोधपुर प्रवास पर थे। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेविका व जनसंघ की सदस्य जीजी पानी की समस्याओं के विरोध के लिए अपने साथ केवल 5 महिलाओं को लेकर निकलीं। जीजी ने उस समय कलेक्ट्रेट के बाहर पांच महिलाओं के साथ मटकी फोड़कर धरना-प्रदर्शन किया। शाम को जब वे गुरुजी से मिलने गईं व घटना बताईं, तो गुरुजी को आश्चर्य हुआ। वे प्रसन्न हुए कि महिलाओं में समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत आ गई। इस घटना के बाद जीजी का राजनीतिक सफर शुरू हुआ। सूर्यकांता व्यास के निधन के बाद राजनेताओ ने भी अपने सोशलमीडिया प्लेटफार्म पर उन्हें श्रद्धांजलि दी |

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