राजस्थान में किसकी बनेगी सरकार, बहुमत के दावों के बीच ‘संपर्क’ नेटवर्क


.बीटीपी,बाप,माकपा,बसपा और निर्दलीयों से संपर्कों के जोड़े तार
.आने वाली सरकार का चेहरा बनाने की कोशिश में जुटे दोनों दल
 

राजस्थान में दोनों ही पार्टियां सरकार बनाने का दावा कर रही है. तीन दिसंबर को मतगणना का दिन है. इससे पहले आए विभिन्न एग्जिट पोल के नतीजों से संकेत मिल रहे हैं कि दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच राजस्थान में कांटे की टक्कर देखने मिल सकती है. यानि अगली सरकार में अगर किसी भी पार्टी बहुमत नहीं आया या कोई भी पार्टी बहुमत के करीब जाकर ठहर गई तो राजस्थान में एक बार फिर रिसोर्ट और होटल्स मे बाड़ेबंदी के दौर से गुजर सकता है. कांग्रेस ने अपनी योजनाओं के दम पर सरकार में फिर आने का दावा किया है. 




कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के कामों पर विश्वास जताते हुए कहा है कि इस बार राजस्थान में सरकार को लेकर बदलता क्रम टूटेगा.इन दावों के बीच कांग्रेस पिछले तीन दिनों से भारतीय आदिवासी पार्टी और कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ ही करीब छह निर्दलीयों से संपर्क साध रखा है.एआईसीसी की ओर से नियुक्त क़ॉर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों ने लगातार सरकार बनाने की स्थितियों का आकलन करते हुए संभावित विजेताओं से संपर्क बढ़ा दिया है. कांग्रेस में ओपीएस,किसानों के लिए ब्याज मुक्त लोन और नए जिलों के गठन के मुद्दे पर वोटिंग को लेकर उत्सुकता है.


वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी सरकार बनाने के लिए अपनी बिसात बिछाना शुरु कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पार्टी के खेमे से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले निर्दलियों के हार-जीत के समीकरणों को टटोलना शुरु कर दिया है. इन समीकरणों में जो जीताऊ चेहरा है, वहां स्थानीय नेताओं के नेटवर्क को एक्टिव कर दिया गया है ताकि समय आने पर तुरंत उनसे संपर्क कर सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाया जा सके.

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