सचिन पायलट का बयान, बताई ये वजह!
सूबे में 13 नवंबर को सात सीटों पर उपचुनाव को लेकर मतदान होने है। जिसे लेकर प्रदेश की सियासत इन दिनों उबाल पर है। कांग्रेस-बीजेपी के साथ ही अन्य क्षेत्रीय पार्टियां और निर्दलीय प्रत्याशी पूरे जोर शोर के साथ चुनावी प्रचार-प्रसार में जुटे हुए है। अक्सर ही चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी मुख्य पार्टियों के प्रत्याशियों का गणित बिगाड़ते रहते हैं और इस बार भी देवली उनियारा में कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा इसी जुगत में जुटे हुए हैं। अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों और सुर्ख़ियों में बने रहने वाले नरेश मीणा अपने भाषणों में कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर हमलावर है। मगर उनकी लिस्ट में कांग्रेस बीजेपी के कुछ ऐसे नेता भी है, जिन्हें वो अपना गुरु कहते है और कहते रहते है कि उन्हीं से सिख लेकर वे राजनीति में आगे बढ़ रहे हैं। और उनके प्रिय नेताओं की इस लिस्ट एक नाम राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट का नाम भी शामिल हैं। नरेश मीणा कांग्रेस में रहते हुए सचिन पायलट समर्थक माने जाते रहे है और उसका सबसे बड़ा कारण है उनका पायलट के समर्थन में खुलकर बयान देना। फिर तो पार्टी में रहते हुए भी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने तक से वे नहीं चुके। अभी भी जब नरेश मीणा बागी होकर देवली उनियारा से निर्दलीय ताल थोक रहे हैं, तब भी वे लोगों से लगातार ये कहते हुए नजर आ रहे है कि सचिन पायलट उनके नेता है और कांग्रेस ही उनकी पार्टी है। सभी जानते है कि नरेश मीणा राजस्थान में हो रहे इन उपचुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे। इससे पहले लोकसभा चुनाव 2024 में भी वो पार्टी से टिकट मांग चुके थे और इस बार उपचुनाव में टिकट को लेकर प्रह्लाद गुंजल ने भी उनकी जमकर लॉबिंग की। नरेश मीणा चाह रहे थे कि उन्हें दौसा या तो फिर देवली-उनियारा से टिकट दे दिया जाए, इसे लेकर प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा से भी उनकी बातचीत हुई। मगर जब दाल नहीं गली, तो उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार की तौर पर पर्चा भर दिया। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही नरेश मीणा कांग्रेस में फिर से शामिल हुए थे और तब भी वो दौसा से टिकट मांग रहे थे। मगर जब टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय पर्चा भी भरा दिया था। मगर कहा जाता है कि सचिन पायलट के मनाने के बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था। मगर जिन्हें नरेश मीणा अपना नेता बता रहे है, यानी सचिन पायलट, उन्होंने पहली बार नरेश मीणा की बगावत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सचिन पायलट ने कहा कि मेरे लिए नेता से ऊपर पार्टी है और पार्टी से ऊपर कोई नहीं। इसके साथ ही सचिन पायलट ने पार्टी के सब लोगों को अनुशासन में काम करने की हिदायत देते हुए राजस्थान की सातों सीटों पर पार्टी की जीत का दावा भी किया है।
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