राजस्थान उपचुनाव में दौसा हॉट सीट बनी हुई है. बीजेपी उम्मीदवार जगमोहन मीणा के चुनाव की प्रचार उनके भाई किरोड़ी लाल मीणा आक्रामक तौर पर संभाल रहे हैं. वह अपने भाई और भाजपा उम्मीदवार जगमोहन मीणा के लिए वोट मांगने के लिए भिक्षुक बन गए. गले में भिक्षाम देही की पट्टी और हाथ में कमंडल लेकर किरोड़ीलाल मीणा घर-घर जाकर लोगों से भाजपा को वोट देने की अपील कर रहे हैं. उनके इस अनोखे अंदाज की चर्चा पूरे दौसा में हो रही है. उन्होंने इस “भिक्षाम् देहि” अभियान के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी देते बताया कि यह वह भाव है, जिसमें दाता और ग्रहीता, दोनों सनातन भाव को सार्थक करते हैं. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की परम्परा में भिक्षा ग्रहण का सर्वाधिक महत्व है, जिसमें भिक्षा देने वाला भिक्षुक को उसका मनोवांछित पदार्थ देता है. भारत राष्ट्र को सतत सुरक्षित बनाने के लिए 'भिक्षाम् देहि' अभियान के अंतर्गत हर घर मत और समर्थन की भिक्षा मांग रहा हूं, जिसे आप जरूर ही प्रदान करेंगे. दरअसल, जगमोहन मीणा की उम्मीदवारी के साथ डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की भी प्रतिष्ठा दांव पर है. इससे पहले भी जगमोहन मीणा ने लोकसभा चुनाव में टिकट मांगा था, लेकिन बीजेपी ने उस समय इनके उपर भरोसा नहीं दिखाया और कन्हैयालाल मीणा को टिकट दे दिया था. इसके बाद पार्टी को दौसा से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं इस बार पार्टी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती और उन्होंने जगमोहन को टिकट दे दिया. ऐसे में खुद के गढ़ में भाई को जीताना किरोड़ी लाल मीणा के लिए बड़ी चुनौती है. सवाई माधोपुर से विधायक किरोड़ी लाल के अलावा उनके भतीजे राजेंद्र महुआ से विधायक हैं. अगर जगमोहन मीणा चुनाव जीतते हैं तो किरोड़ी लाल मीणा के परिवार से तीन विधायक होंगे. किरोड़ी लाल महिलाओं के लोकगीतों पर थिरकते नजर आ रहे हैं. बता दें कि स्थानीय महिलाएं लोक गीतों के ज़रिए उपचुनाव में दिलचस्प माहौल को बना रही हैं. किरोड़ी लाल मीणा गुर्जर वर्ग को भी साधने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले दिनों किरोड़ी लाल मीणा ने गुर्जर समुदाय के स्नेह मिलन में कहा कि गुर्जर समाज से अपील है. मेरे भाई को टिकट मिला है. नानी का दंड नवासा को मत देना. मैं बैंसला की तरह तो मेरा भाई सचिन पायलट की तरह सौम्य-सरल है. मैं गुर्जर समुदाय का राजनैतिक प्रभाव बढ़ाने में साथ दूंगा. दरअसल, बीजेपी इस सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार को मौका देती है. लेकिन इस बार जगमोहन मीणा का मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी दीनदयाल बैरवा उर्फ डीसी बैरवा से होगा. बीजेपी ने ब्राह्मण उम्मीदवार की जगह मीणा उम्मीदवार उतारा है, ऐसे में भाजपा को सवर्ण मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. बीजेपी उम्मीदवार शंकर लाल शर्मा ने साल 2013 में यहां जीत हासिल की थी. इसी के चलते जगमोहन के भाई किरोड़ीलाल मीणा आक्रामक तौर पर चुनावी कमान संभाल रहे हैं.
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