मृतक को तो इंसाफ दिलवा गए किरोड़ी लाल मीणा, अब टाइगर का क्या?

पत्थर मार-मारकर रणथंभौर के टाइगर की हत्या!
पोस्टमॉर्टम में मिले सबूत, हुआ खुलासा


राजस्थान के सबसे बड़े टाइगर रिज़र्व सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाईगर रिजर्व में बाघ और मानव संघर्ष में मानव और बाघ की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है । रणथंभौर से सटे उलियाणा गांव के खेतों में बकरी चरा रहे एक ग्रामीण पर शनिवार को एक बाघ ने हमला कर दिया ,जिससे ग्रामीण की मौके पर ही मौत हो गई। अब आरोप है कि ग्रामीण की मौत से गुस्साए दूसरे ग्रामीणों ने हमलावर बाघ पर धावा बोल दिया और बाघ की पीट पीट हत्या कर दी। आरोप ये भी है कि ग्रामीणों ने पत्थर और धारदार हथियारों से मार मार कर बाघ को मौत के घाट उतार दिया और शव को एक खेत में डाल दिया। बता दें कि बाघ के हमले में व्यक्ति की मौत के बाद ग्रामीण मृतक का शव लेकर सड़क पर बैठ गए थे और अपनी मांगों को लेकर वन विभाग के खिलाफ आंदोलन भी किया था। जिसके बाद मौके पर पहुंचे कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की समझाइश पर ग्रामीणों ने मांगे मानने के बाद आंदोलन समाप्त किया ,वही आंदोलन समाप्त होने के बाद वन विभाग को बाघ की मौत का पता चला और मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बामुश्किल बाघ के शव को कब्जे में लिया ,जिसका आज पोस्टमार्टम किया गया। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि जिस बाघ का शव मिला है, उसी बाघ ने ग्रामीण को मारा था। बता दें कि बाघ टी-86 को बाघिन लाडली टी-8 ने जन्म दिया था। टाइगर की उम्र 14 साल थी। जो जोन नंबर एक और दो में रहता था। टेरेटरी फाइट के चलते जोन एक और दो से निकलकर टी-86 ने नॉन टूरिज्म इलाके में अपनी टेरेटरी बना ली थी। शनिवार यानी 2 नवंबर को बाघ के हमले में भरत लाल मीणा पुत्र रामकल्याण मीणा निवासी उलियाना की मौत हो गई थी। भरत लाल रणथंभौर नेशनल पार्क की दीवार से सटे खेत में अपनी बकरियां चरा रहा था। शाम करीब साढ़े चार बजे टाइगर ने उस पर हमला कर दिया था। टाइगर शव को लेकर करीब 20 मिनट तक बैठा रहा था। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि उस युवक को किस बाघ ने मारा था। इसके कुछ घंटो बाद ही वन विभाग को सुचना मिली कि टाइगर टी-86 की मौत हो गई है। टाइगर का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में शरीर पर चोट के निशान भी दिखाई दिए। टाइगर के चारों तरफ बड़े-बड़े पत्थर भी पड़े हुए दिखाई दिए। जिसके बाद टाइगर टी-86 के शव का सोमवार सुबह पोस्टमॉर्टम हुआ। बाघ के मुंह पर धारदार हथियार से वार के निशान मिले हैं। पोस्टमार्टम के बाद अधिकारियों का कहना है कि इस तरह से हमला इंसान ही कर सकता है। टाइगर की बॉडी के दूसरे हिस्सों में भी चोट के निशान मिले हैं। बाघ पर इतने हमले किए गए कि मौत से पहले उसकी जुबान बाहर लटक गई थी।


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