चुनाव, विधानसभा के हो, लोकसभा के या फिर उपचुनाव, दल बदल की राजनीति और बगावत का सिलसिला हमेशा देखने को मिलता है। जब नेताओं को मनमाफिक चीज पार्टी से नहीं मिल पाती तो वे दल बदलने में या फिर बगावत करने में ज़रा हिचकते नहीं हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 में यह दौर खूब चला था। और अब जब प्रदेश की सात सीटों पर उपचुनाव होने है, तब भी यह सिलसिला खूब देखने को मिल रहा है। कांग्रेस, बीजेपी हो या फिर अन्य दल, टिकटों की घोषणा के बाद कई जगहों से विरोध और बगावत के स्वर सुनाई दिए। और इसी लिस्ट में शामिल है खींवसर विधानसभा सीट, जहां कांग्रेस और बीजेपी दोनों को झटका लगा है। राजस्थान की 7 सीटों पर हो रहे उपचुनाव पर सबकी निगाहें हनुमान बेनीवाल की गढ़ कही जाने वाली खींवसर सीट पर टिकी है. सालों बाद खींवसर का सियासी समीकरण उलझा हुआ है. क्योंकि यहां हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ-साथ भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार भी मैदान में हैं. बीते दिनों कांग्रेस ने खींवसर में भाजपा के नेता रहे पूर्व आईपीएस सवाई सिंह गोदारा को कांग्रेस में शामिल करवा कर उनकी पत्नी को खींवसर का टिकट दे दिया था. कांग्रेस की इस चाल से हनुमान बेनीवाल भी बिदके नजर आए थे. इसके बाद खींवसर में भाजपा से बागी हुए भागीरथ डूडी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी में शामिल हो गए। जिसे हनुमान बेनीवाल का बड़ा दांव और बीजेपी को करारा झटका माना गया। और इन सबके बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक चलते हुए खींवसर की लड़ाई को रोचक बना दिया है. दरअसल सीएम ने खींवसर में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे दुर्ग सिंह चौहान को अपने साथ कर लिया है. शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात के बाद दुर्ग सिंह चौहान कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए. शुक्रवार देर रात जयपुर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की उपस्थिति मे खींवसर के नेता दुर्ग सिंह चौहान के साथ-साथ सैकड़ों प्रमुख लोगों को भाजपा में शामिल करवाया गया. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया. दुर्ग सिंह चौहान का कांग्रेस छोड़ भाजपा में आना में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका बताया जाता है. बता दें कि खींवसर से दुर्ग सिंह चौहान कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे. लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. दुर्ग सिंह ने बीते दिनों कहा था कि पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो 2023 के विधानसभा चुनाव में खींवसर की जनता ने जवाब दे दिया. जब खींवसर विधानसभा का गठन हुआ तब से आज तक कांग्रेस का पंचायत समिति, जिला परिषद और विधानसभा सीट पर खाता नहीं खुला. राजनीतिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि दुर्ग सिंह चौहान के भाजपा में शामिल होने से खींवसर में कांग्रेस कमजोर होगी. इसका असर उपचुनाव के नतीजों पर देखने को मिल सकता है।
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