राजस्थान में 40 प्रिंसिपल और 8 थर्ड ग्रेड टीचर्स के तबादले की सूची जारी होने के 2 घंटे के भीतर ही शिक्षा विभाग ने आदेश वापस ले लिया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने एक आदेश जारी किया था. गजब यह है कि इन 40 में से 39 प्रिंसिपल दौसा जिले के थे. इसके अलावा 8 थर्ड ग्रेड टीचर्स के भी तबादले किये गए थे. जबकि राजस्थान में थर्ड ग्रेड टीचर के तबादलों पर रोक है. दरअसल तबादला सूची आने के बाद भाजपा ने किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने शिक्षा मंत्री के नाम एक चिट्ठी लिखी थी. किरोड़ी ने लिखा था कि दिनांक 15.10.2024 करीबन 40 प्रधानाधायों के स्थानान्तरण आदेश जारी किये गये है। उक्त स्थानान्तरण सूची को जनहित में अविलम्ब निरस्त/स्थगित करने का कष्ट करें. खास बात यह है कि किरोड़ी लाल मीणा ने यह पत्र कृषि मंत्री होने के नाते लिखा है। माना जा रहा है कि ये तबादले हड़बड़ी में किये गए थे.
राजस्थान में 7 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने कुछ देर पहले ही इन उपचुनावों को लेकर तारीखों का ऐलान भी कर दिया है और इसी के साथ प्रदेश में आचार सहिंता भी लग गई है। ऐसे में यह तबादले किस आधार पर किये गए? यह भी बड़ा सवाल है.
बता दें कि प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने थर्ड ग्रेड टीचर की तबादला सूची जारी की थी. बता दें की पिछली गहलोत सरकार ने थर्ड ग्रेड टीचर्स के तबादले के लिए 2021 में आवेदन लिए थे. लेकिन यह पूरी प्रक्रिया ही ठंडे बस्ते में चली गई. आवेदन तो लिए गए लेकिन शिक्षकों के तबादले नहीं हुए. तृतीय श्रेणी के तबादले आखिरी बार वसुंधरा राजे सरकार में हुए थे. उसके बाद से शिक्षकों का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है. अआप देखिए ट्रांसफर को लेकर कई बार बनी नीति और प्रारूप बनाए गए और बदले भी गए। सबसे पहले 1994 में, पूर्व शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में 1994 में कमेटी बनी. इस समिति ने प्रारूप बना दिया. लेकिन, रिपोर्ट लागू नही हो सकी। 1997-98 में नीति लाने को कवायद हुई लेकिन हुआ कुछ नहीं और इस साल तबादला को लेकर अलग से निर्देश जरूर जारी किए गए। 2005 में शिक्षकों के तबादलों में राहत देने के लिए दिशा-निर्देश जारी हुए थे। 2015-18 में तबादलों के लिए मंत्री मण्डलीय समिति के साथ अन्य कमेटी बनाई गई थी, मगर प्रारूप लागू नहीं हो सका. था। 2020 में जनवरी महीने में कमेटी बनी थी, कमेटी ने अगस्त में रिपोर्ट दी, मगर केबिनेट में मंजूरी नहीं मिली। और इसके बाद अब 2024 में तबादलों को लेकर नीति बनाने की कार्यवाही विचाराधीन है।
0 Comments