जयपुर, 26 सितंबर। खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री टी. रविकान्त ने विभागीय एमनेस्टी योजना के दायरें में आने वाले सभी बकायादारों को पत्र जारी करने के साथ सीधे संपर्क कर उन्हें विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इससे बकाया वसूली के प्रकरणों का निस्तारण होगा वहीं राज्य सरकार में राजस्व की प्राप्ति और बकाया वसूली में लगने वाले समय व धन की बचत होगी। उन्होंने स्थानीय स्तर पर ऐसा मंच बनाने पर भी जोर दिया जहां लीजधारकों और विभागीय अधिकारियों के बीच परस्पर समन्वय से खनिज गतिविधियों को और अधिक विस्तारित किया जा सके।
खान एवं पेट्रोलियम प्रमुख सचिव श्री टी. रविकान्त गुरुवार को खनिज विभाग में खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग को स्थानीय स्तर पर ऐसा मैकेनिज्म विकसित करना होगा जिससे लीजधारकों की स्थानीय स्तर की समस्याओं का समय रहते समाधान हो सके। इससे खोज खनन कार्य में आ रही बाधाएं दूर होगी तो खनन व राजस्व में बढ़ोतरी होने के साथ ही अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लग सकेगा। एमनेस्टी योजना की चर्चा करते हुए कहा कि बकायादारों से वन टू वन संपर्क करने से पुरानी बकाया की वसूली हो सकेगी। इसके लिए समयवद्ध टाइमलाईन तय की जा सकती है।
श्री रविकान्त ने खनिज पट्टों की नीलामी के बाद पट्टाधारकों के सामने आने वाली समस्याओं की और इशारा करते हुए कहा कि इससे खनन गतिविधियां आरंभ होने में देरी होती है और अन्य ब्लॉकों की नीलामी में भी विपरीत असर पड़ता है। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित एसआईटी और माइनिंग कमेटी की मीटिंग से पहले इस तरह के बिन्दुओं को चिन्हित किया जाना चाहिए ताकि मीटिंग में हल निकाला जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि फील्ड में एलर्टनेस ने अवैध खनन गतिविधियों सहित बहुत सी समस्याओं का आसानी से समाधान हो सकता है। उन्होंने विधान सभा प्रश्नों, विशेष उल्लेख, ध्यानाकर्षण प्रस्तावों सहित विधान सभा से संबंधित लंबित प्रकरणों को शून्य स्तर पर लाने का कहा वहीं मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त पत्रों पर तय समयसीमा में कार्रवाई सुनिश्चित कर उत्तर भिजवाने के निर्देश दिए।
निदेशक माइंस श्री भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि विभाग द्वारा माइनिंग ब्लॉकों की नीलामी में तेजी लाने के साथ ही राजस्व वसूली के भी अच्छे प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि परिवर्तित बजट घोषणा के अनुसार विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना लागू कर दी गई है और इसमें 31 मार्च तक बकाया राशि जमा हो सकेगी। उन्होंने कहा कि बकाया राशि की वसूली के लिए अभी से समयवद्ध प्रयास करने होंगे।
बैठक मेें अतिरिक्त निदेशक माइंस श्री एमपी मीणा, श्री बीएस सोढ़ा, श्री पीआर आमेटा, श्री वाईएस सहवाल, अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान श्री एनपी सिंह, श्री एसएन डोडिया, श्री आलोक गुप्ता, एफए श्री गिरिष कछारा, ओएसडी श्री श्रीकृष्ण शर्मा, टीए श्री देवेन्द्र गौड, एसएमई श्री एनएस शक्तावत, श्री ओपी काबरा, श्री जय गुरुबख्सानी, श्री भीम सिंह, श्री अनिल खमेसरा, डॉ. धर्मेन्द्र लोहार, श्री हरीश गोयल, श्री अविनाश कुलदीप, एसजी श्री संजय दुबे, श्री संजय गोस्वामी, श्री संजय सक्सैना, श्री जीएस शेखावत, श्री सुशील हुडा सहित खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया

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