3 लोगों की जान लेने के बाद हाथ लगा 'आदमखोर' तेंदुआ !

 उदयपुर जिले के गोगुंदा तहसील के छाली गांव में पिछले 5 दिनों से पेंथर के लगातार फैल रहें आतंक से अब छुटकारा मिल चुका हैं। वन विभाग और प्रशासन द्वारा किए गए अथक प्रयास सफल होते दिखाई दे रहे हैं।क्षेत्र में लगातार पेंथर के हमलों से  अलग अलग जगहों पर 3 लोगों और कई पशुओं की जानें जा चुकी थी।उसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने आदमखोर पेंथर को किसी भी कीमत पर पकड़ने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया था। वन विभाग की कई टीमें दिन रात पेंथर को पकड़ने के लिए सर्च अभियान चला रखा था ।जिसमें विभाग ने एरिया चिन्हित कर ट्रेप केमरे और पिंजरे लगाए थे। तो पांच दिन की की कड़ी मशक्क्त के बाद आखिर कार आदमखोर तेंदुए को पकड़ लिया गया है. तेंदुए को पकड़ने के लिए आर्मी की टीमें लगाईं गईं थीं . ख़ास बात यह है कि तेंदुए ने जिस जगह महिला का शिकार किया था उसी जगह वो पिंजरे में कैद हो गया. आर्मी और वन विभाग की टीम ने एक बड़ा पिंजरा वहां लगाया था, जिसके आस पास मछली के पानी का छिड़काव किया गया था. पिंजरे में मांस भी रखा गया था. जिससे आकर्षित हो कर तेंदुआ खुद पिंजरे में आ गया. जिसकी वजह से गत रात्रि को दो अलग - अलग पिंजरों में दो पेंथर गिरफ्त में आ चुके हैं।पेंथर पकड़ में आने की खबर सुन कर ग्रामीणों में खुशी का माहौल है।साथ ही पैंथरों को ट्रेंकुलाइज कर वन विभाग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की तैयारी कर रहा हैं।बारिश के मौसम में छाली क्षेत्र घना जंगल बाहुल्य हो जाता हैं।ऊंचे,घने पहाड़ होने की वजह से क्षेत्र में कई पैंथरों के होने की संभावना हैं।हालांकि एक बारगी ग्रामीणों में दो पैंथरों के पकड़में आने से भय का माहौल कम हो गया हैं। पांच दिन के भीतर तेंदुए ने एक महिला, एक पुरुष और एक बच्ची को अपना शिकार बनाया था. 'आदमखोर तेंदुए' को पकड़ने के लिए वन विभाग ने सेन की मदद ली थी. गोगुंदा में लेपर्ड का इतना खौफ था कि लोग उसके डर से घर से बाहर नहीं निकल रहे थे. वन विभाग ने सेना के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान चला कर लेपर्ड को पकड़ लिया है.


Post a Comment

0 Comments

ARwebTrack